Sunday, June 20, 2021

निर्जला एकादशी एवं योगदिवस की शुभकामनाएं

*एव सर्वात्मना कार्या रक्षा योगविदानिशं।*
*धर्मार्थकाममोक्षाणां  शरीरं साधनं यतः।।*

हमें अपने शरीर की रक्षा मनोयोग पूर्वक करनी चाहिए क्योंकि एक मात्र हमारा शरीर ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष अर्थात् जीवन के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन है।

We should always protect our body with special care, because body is the only means of achieving religious austerity, wealth, fulfillment of all desires and ultimately deliverance from the cycle of rebirth (emancipation).

आज *अंतरराष्ट्रीय योग दिवस* एवं *निर्जला एकादशी* पर सङ्कल्प लें कि हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा हेतु नित्य योग करेंगें एवं अभक्ष्य का सेवन नहीं करेंगें। 

*प्रथम जरूरी स्वस्थ रहें हम,*
*नित्य योग से स्वस्थ रहें हम।*

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