*ॐ भूः भुवः स्वः*
*तत् सवितु: वरेण्यं*
*भर्गोदेवस्य धीमहि*
*धियो यो न: प्रचोदयात्।*
हे परमेश्वर! आप हमारे प्रियतम् प्राण हो, हमें अशुभ संकल्पों तथा भौतिक विपत्तियों से दूर करो। हम आपके शुद्ध प्रकाशमय स्वरुप का दर्शन अपने अन्त: करण में नित्य करें।
हे दिव्य प्रकाशक! हमें प्रकाश की ओर ले चलो, आपका प्रकाशमय स्वरुप हमारी बुद्धियों को सन्मार्ग में प्रवृत्त करें।
Almighty God is cause of our existence and is dearer to us than our life. He permeates the whole universe, keeps all beings under control and is abode of all. He is, most acceptable, and he is pure intelligence. May he always safeguard our intellectual faculties from all evil that we might otherwise fall into, and lead them on to do only what is good.
*सर्व पाप हारी माँ गंगा एवं विवेक की अधिष्ठात्री देवी माँ गायत्री* के अवतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल दशमी (गंगा दशमी, गायत्री जयन्ति) पर हम सभी पवित्र एवं विवेकवान बनें, माँ गंगा जीवन के सब संतापों को शांत करें एवं स्वस्थ बनें।
No comments:
Post a Comment