*श्रेयांसि च सकलान्यनलसानां हस्ते नित्यसान्निद्ध्यानि I*
इस संसार की सकल संपत्ति एवं श्रेय उन्हीं के हाथ में होता है जो सदैव आलस्य का त्याग कर कर्म में उद्यत रहते हैं।
The gross wealth and credit of this world is in the hands of those who always abandon laziness and remain engaged in _karma_ means action.
*स्व में स्थित घर में स्थित हो*
*इस शत्रु से जीत निश्चित हो।*
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