Tuesday, April 21, 2020

ज्ञान

*कर्मणा रहितं ज्ञानं पंगुना सदृशं  भवेत्।*
*न तेन प्राप्यते किन्चिन्न च किंचित्प्रसाध्यते।।*

यदि कोई व्यक्ति ज्ञानवान हो कर भी तदनुसार कर्म (ज्ञान का उपयोग) नहीं करता है तो उसकी स्थिति एक पंगु (चलने फिरने में असमर्थ) व्यक्ति के समान होती है। वह न तो उस ज्ञान से थोड़ा भी लाभ ले सकता है और न ही उस विषय में कोई उपलब्धि प्राप्त कर सकता है।

If a knowledgeable person does not use his knowledge by taking appropriate action, his position is like that of a crippled person. He can neither obtain even a little benefit out of such knowledge, nor any accomplishment in the field of his knowledge.

*धर्म यही कर्तव्य यही है,*
*घर में रहना बहुत सही है।*

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