Friday, September 27, 2019

बगावत

दरिया अब तेरी खैर नही,
बूंदो ने बगावत कर ली है
नादाँ ना समझ, बुजदिल इनको,
लहरों ने बगावत कर ली है
हम परवाने है, मौत समां,
मरने का किसको ख़ौफ़ यहाँ,
ऐ तलवार तुझे झुकना होगा,
गर्दन ने बगावत कर ली है।

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