दरिया अब तेरी खैर नही,
बूंदो ने बगावत कर ली है
नादाँ ना समझ, बुजदिल इनको,
लहरों ने बगावत कर ली है
हम परवाने है, मौत समां,
मरने का किसको ख़ौफ़ यहाँ,
ऐ तलवार तुझे झुकना होगा,
गर्दन ने बगावत कर ली है।
Friday, September 27, 2019
बगावत
Thursday, September 26, 2019
शुभ दिन
*उपर्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणम्।*
*तडगोदरसंस्थानां परिवाह इवाम्भसाम्॥*
जैसे तालाब में भरे हुए जल को निकालते रहने से उसकी पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है। उसी प्रकार उपार्जित धन को व्यय कर देना (दान अथवा भोग) ही उसकी रक्षा का एकमात्र उपाय है।
The water of a pond remains pure while being fetched regularly, likewise the money earned can be saved by donation or consumption only.
शुभ दिन हो।
🌺🌹💐🙏🏼
Friday, November 9, 2018
Wednesday, November 7, 2018
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