Tuesday, June 23, 2020

आभूषण

*अष्टौ गुणा पुरुषं दीपयंति* 
    *प्रज्ञा सुशीलत्वदमौ श्रुतं च।*
*पराक्रमश्चबहुभाषिता च* 
    *दानं यथाशक्ति कृतज्ञता च॥*

बाहरी आडम्बर, वस्त्र, आभूषण नहीं अपितु ये आठ गुण पुरुष (मनुष्य) को सुशोभित करते हैं - बुद्धि, सत्चरित्र, आत्म-नियंत्रण, शास्त्र-अध्ययन, साहस, मितभाषिता, यथाशक्ति दान और कृतज्ञता।

External pomp, not clothing, ornaments, but these eight qualities beautify men (human) - intellect, good character, self-control, study, courage, reticency, virtuous charity and gratitude.

*राह कठिन माना है लेकिन, आगे बढ़ते जाना है,*
*हम जीतेंगें संशय कैसा, तनिक नहीं घबराना है।*

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