*जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं,*
*गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।*
जिस प्रकार श्री कृष्ण जिन्होनें पर्वत को अपनी कनिष्ठा पर उठा लिया था एवं गिरधर कहाये थे, को मुरलीधर कह देने से कोई दुःख नहीं अर्थात कोई बुरा मानने की बात नहीं है, उसी प्रकार किसी सम्मानित एवं बड़े व्यक्ति को छोटा कह देने से उसकी कोई हानि नहीं होती है।
As _Krishna_ who picked a hill on his little finger and called _Girdhar_ won't be affected by calling him _Murlidhar_, a noble and saint person won't be affected by calling him lowly.
निंदा से प्रभावित न हों।
*हम समझें बात प्रधान की,*
*घर में रहना रक्षा प्राण की।*
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