*एकवापीभवं तोयं पात्रापात्र विशेषतः।*
*आम्रे मधुरतामेति निम्बे कटुकतामपि।।*
एक ही तालाब का जल, विशेषतः योग्य तथा अयोग्य प्राप्तकर्ताओं के द्वारा प्रयुक्त हो कर ,अलग अलग परिणाम देता है। उदाहरण स्वरूप आम के वृक्ष को सिंचित करने से उसके फलों में मिठास उत्पन्न होती है परन्तु नीम के वृक्ष में कटुकता ही उत्पन्न होती है।
एक ही साधन का सज्जन व्यक्ति सदुपयोग करते हैं और दुर्जन दुरुपयोग करते हैं और उसके परिणाम भी तदनुसार अच्छे और बुरे होते हैं।
Water from the same pond used for irrigation purposes produces different results depending upon the competence
or incompetence of the recipients, e.g while the Mango tree produces sweet fruits, all the products of Neem tree are bitter in taste."
The competent persons put to good use the resources available to them and the same resources are misused by incompetent persons producing bad results.
शुभ दिन हो।
💐🌹🌸🙏🏼
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