*सधन सगुन सधरम सगन सबल सुसाइँ महीप।*
*तुलसी जे अभिमान बिनु ते तिभुवन के दीप।*
तुलसीदास जी ने बहुत ही सीधे शब्दों में धनवान, गुणवान, धर्मवान, बलवान, और सर्वप्रिय राजा से भी श्रेष्ठ, तीनों लोकों में प्रकाशित होने वाला, _निरभिमान_ (अर्थात् जिसमें अहंकार न हो) को बताया है।
The person without arrogance is better than a rich, intelligent, spiritual, popular or even a king.
अहंकार को त्यागें।
शुभ दिन हो।
🌺🌸💐🙏🏼
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