Wednesday, May 12, 2021

कर्म

*आपत्सु किं विषादेन सम्पतौ विस्मयेन किं।*
*भवितव्यं भवत्येव कर्मणामेष निश्चयः।।*

आपदा (दुर्भाग्य) के आने पर विषाद करने से और धन संपत्ति प्राप्त होने पर हर्ष एवं आश्चर्य करने से कुछ नहीं होगा क्योंकि जैसे कर्म (अच्छे या बुरे) किये गये होंगे, उनके अनुसार ही जो होना होता है, वह अवश्य ही घटित होगा।

It is futile to grieve while facing adversity or misfortune and also marveling at acquisition of wealth, because whatever is destined will definitely happen according to the deeds (good or bad).

*स्वयं संयमित हो सबको बोलें,*
*नियम एक बाहर मत डोलें।*
*नहीं काम आवश्यक जब तक,*
*व्यर्थ न अपनी शक्ति टटोलें।*

स्वस्थ रहें।

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Tuesday, May 11, 2021

मौन

*भद्रंभद्रं कृतं मौनं  कोकिलैर्जलद आगमे।*
*वक्तारो दर्दुरा यत्र, तत्र मौनं  समाचरेत् ।।*

अरी कोयल! तुमने अच्छा किया कि वर्षा ऋतु के आगमन पर मौन धारण कर लिया है। जिस स्थान पर मेंढक टर्रा रहे हों वहाँ मौन धारण करना ही उचित है।

रहीम ने भी इस तथ्य को कहा है:
*पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन,*
*अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन।*

मूर्खों के शोर में गुणीजनों का मौन रहना ही श्रेयस्कर है।

O cuckoo bird!  you have taken a correct decision by keeping mum on the onset of rainy season. In a place where frogs are croaking, it is always better to observe  silence. 
Figuratively it means that noble persons should better dissociate from the activities of lowly persons.

*भ्रामक तथ्यों से सदा बचें,*
*योग प्रार्थना से स्वस्थ रहें,*

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Monday, May 10, 2021

जय श्री राम

*कबिरा सो धन संचिये, जो आगे को होय।*                                                                    *सीस चढ़ाये पोटली, जात न देख्यो कोय।।*

कबीर कहते हैं कि उस धन का संचय करो जो इहलोक में भी काम आए क्योंकि मृत्यु के पश्चात सर पर धन की गठरी बाँध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।

One should collect the wealth of good deeds which can be used after death also as no body can take this physical wealth with him to another world.

माया तो माया है समझें,
क्यों हम नित माया में उलझें,
प्रथम जरूरी स्वस्थ रहें हम,
कर्तव्य मार्ग में व्यस्त रहें हम।

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Sunday, May 9, 2021

ॐ नमः शिवायः

*संतोषाऽमृततृप्तानां यत्सुखं शान्ताचेतसाम्।*
*कुतस्तद्धनलुब्धानाम् इतश्च उतश्च धावताम्।।*
                                       
शांत स्वभाव वाले तथा संतोष रूपी अमृत को पी कर तृप्त हुए व्यक्तियों को जो सुख प्राप्त होता है, वैसा सुख भला धन के लोभी और उसकी प्राप्ति के लिए इधर उधर भटकने वाले व्यक्तियों को कब प्राप्त होता है?

How can the pleasure, which persons of serene mindset derive by remaining contended as if they have drunk the nectar of satisfaction, be achieved by persons greedy of wealth, who run hither and thither to acquire it by any means?

समय कठिन हैं समझें हम,
बन संतोषी सुखी बनें हम,
इत-उत व्यर्थ नहीं भटकें हम,
स्व में स्थित स्वस्थ रहें हम।

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Friday, May 7, 2021

माँ

*उपाध्यायात् दश आचार्यः आचार्याणां शतं पिता।*
*सहस्रं तु पित्रन् माता गौरवेण अतिरिच्यते।।*

शिक्षा और ज्ञान प्रदान करने में आचार्य, सामान्य शिक्षकों से दस गुणा श्रेष्ठ होता है और एक सौ आचार्यों से भी श्रेष्ठ एक पिता होता है। परन्तु एक माता श्रेष्ठता और सम्मान में पिता से भी हजार गुणा श्रेष्ठ होती है।

समस्त प्राणिमात्र में जन्मदात्री माता द्वारा अपनी संतान को शिक्षित करने और पालने पोसने में किया गया योगदान, अन्य व्यक्तियों के योगदान से हजारों गुणा महत्त्वपूर्ण है।

In respect of training and providing education professor is ten times superior than a primary level teacher, and the father is hundred times superior than the Professor, But the Mother is thousand times superior and respectable than the father.

The role of a mother in upbringing the child and in educating him, is thousand times better than other means.

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रबिन्द्रनाथ टैगोर

हम यह प्रार्थना न करें कि समस्या न आएँ वरन् यह प्रार्थना करें कि हम उनका सामना निडरता से करें।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर।

Let us not pray that there will be no  problem but ought to pray that we face them fearlessly and bravely.
- Rabindra Nath Tagore.

आएँ आज रबीन्द्रनाथ जी की जयंती पर उनके इसी विचार को समझते हुए इस कोरोना नामक समस्या से पूरे मनोयोग से लड़ने हेतु सङ्कल्प लें।

*क्यों हम चाहें सुख का जीवन,*
*बिन अवरोध समस्या जीवन,*
*मन में ये सङ्कल्प सदा हो,*
*निर्भय हों, हो जैसा जीवन।*

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Thursday, April 29, 2021

जय माँ लक्ष्मी

*ईर्ष्या लोभो मदः प्रीतिः क्रोधो भीतिश्च साहसं।*
*प्रवृत्तिच्छिद्रहेतूनि कार्ये सप्त बुधा जगुः।।*

ईर्ष्या, लोभ, अभिमान, मोह, क्रोध, भय, दुस्साहस, ये सात प्रवृत्तियां इस संसार में किसी भी कार्य के संपादन में बाधा और हानि पहुँचाती हैं, ऐसा चतुर और विद्वान् व्यक्तियों का कहना है।

Wise and learned men have proclaimed that in this World, Envy, Greed, Arrogance, Fascination, Anger, Fear and Over-confidence, all these seven traits are the main reason of causing impediments and defects in any work undertaken.

*ईर्ष्या करें न लोभ करें,*
*न क्रोध, भय, अभिमान करें,*
*न मोह न अति विश्वास करें,*
*स्वस्थ रहें, सब काम करें।*

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Wednesday, April 28, 2021

जय विष्णु देव

*दुर्लभं त्रयमेवैतत् देवानुग्रहहेतुकम्।*
*मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरूषसंश्रय:॥*

यह तीन दुर्लभ हैं और देवताओं की कृपा से ही मिलते हैं : मनुष्य जन्म, मोक्ष की इच्छा और महापुरुषों का साथ।

These three are very difficult to get and can be achieved only by the grace of the God : birth as human, desire for salvation and company of the nobles.

*मिला मनुज तन इसे बचाएँ,*
*हम अपना आरोग्य बढ़ाएँ,*
*ध्यान, योग नियमित अपनाएँ,*
*रोग शोक सब दूर भगाएँ।*

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Tuesday, April 27, 2021

श्री गणेशाय नमः

*अग्निना सिच्यमानोऽपि वृक्षो वृद्धिं न चाप्नुयात्।*
*तथा सत्यं विना धर्मः पुष्टिं नायाति कर्हिचित्।।*

जिस प्रकार जल के अभाव में अग्नि द्वारा सींचे गये वृक्ष कभी बड़े नहीं होते हैं, उसी प्रकार सत्य के बिना धर्म का पालन नहीं होता है।

Just as trees watered by fire never grow in the absence of water, similarly _Dharma_ is not practiced without truth.

स्वस्थ रहें हम सजग रहें,
कोरोना से बचे रहें।

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Monday, April 26, 2021

जय बजरंगबली

*अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।*

अतुल बल के स्वामी, सोने के पर्वत के (सुमेरु के) समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्य वन को ध्वंस करने हेतु अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, सम्पूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमानजी को मैं प्रणाम करता हूँ।

Today on the auspicious day of _Hanuman Jaynti_ I pray to Hanuman to curb all miseries in our life.

आज हनुमान प्राकट्य दिवस पर सबके दुःख हरने वाले हनुमान जी से हम सभी पर आये कोरोना नामक संकट से बचाने की प्रार्थना करता हूँ।

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