Saturday, November 7, 2020

विचार

*अपवक्ता हृदयाविजश्चित्।* (ऋग्वेद 1/24/8)

उन सभी कुत्सित विचारों को त्याग दीजिये जो आत्मा को कष्ट दे अथवा नष्ट कर दे।

Abandon all sorrowful thoughts which may trouble or destroy the soul.

*हम ईश्वर की संतानें,*
*आज स्वयं को पहचानें।*

स्वस्थ रहें।

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Thursday, November 5, 2020

सम भाव

*इहैव तैर्जितः सर्गो येषां साम्ये स्थितं मनः।*
*निर्दोषं हि समं ब्रह्म तस्माद्ब्रह्मणि ते स्थिताः।।*
गीता : अध्याय ५, श्लोक १९।

जिस मनुष्य का मन सम-भाव में स्थित रहता है, उसके द्वारा जन्म-मृत्यु के बन्धन रूपी संसार को जीत लिया जाता है क्योंकि वह ब्रह्म के समान निर्दोष एवं सम होता है और सदा परमात्मा में ही स्थित रहता है।

तुलसीदास जी ने भी इस तथ्य को सरल शब्दों में कहा है:
*समरथ कहुँ नहि दोष गुसाईं।*
*रवि पावक सुरसरि की नाईं।*
  
Those whose minds are established in sameness and equanimity have already conquered the conditions of birth and death. They are flawless like Almighty, and thus they are already situated in Almighty.

स्वस्थ रहें।

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Sunday, November 1, 2020

व्यवहार

*श्रूयताम धर्मसर्वस्वं श्रुत्वा चैवानुवर्यताम।*
*आत्मनः प्रतिकूलानि, परेषाम न समाचरेत॥*

धर्म का भावार्थ सुनें एवं समझ कर जीवन में अनुपालन करें। दूसरों के साथ वैसा व्यवहार न करें जो स्वयं के लिए प्रतिकूल हो।

किन्तु इसी के साथ नीति कहती है,

*शठे शाठ्यम समाचरेत्*

 दुष्टों के साथ दुष्टतापूर्ण व्यवहार उचित है।

We should follow the cases of religion after thorough analysis. We should not behave others in a way which we didn't like for us.

but it is also said that

_TIT for TAT_

*नहीं किसी का अहित करेंगें,*
*किन्तु न हम अन उचित सहेंगें।*
*स्वस्थ रहेंगें स्वस्थ रखेंगें,*

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Saturday, October 31, 2020

धर्म

*उच्छिद्यते धर्मवृतं अधर्मो विद्यते महान्।*
*भयमाहुर्दिवारात्रं यदा  पापो  न वार्यते।।*

समाज में जब पापकर्मों (बुरे और निषिद्ध कार्यों) पर किसी प्रकार का  नियन्त्रण  और प्रतिबन्ध नहीं होता है  तब लोगों के धार्मिक आचरण में न्यूनता (कमी) होने लगती है और अधर्म (बुरे और निषिद्ध कर्मों) में महान वृद्धि होने से रात दिन सर्वत्र भय व्याप्त हो जाता है।
 
In a society where there is no control over sinful and illegal deeds, there is a steep decline in the  religious austerity of the people, and  as a result  there is abnormal  increase in immorality, and an environment of fear is built up everywhere at all times.

धर्म अडिग हो धर्म अटल हो,
करुणा से पूरित हर पल हो,
आज अगर हम धर्म निभाएँ,
तभी सुरक्षित अपना कल हो।

स्वस्थ रहें।

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Friday, October 30, 2020

बाल्मीकि जयंती

*मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगम: शास्वती समा।*
*यत्क्रौंचमिथुनादेकमवधी: काममोहितम्।।*

हे निषाद। तुझे कभी भी शान्ति न मिले, क्योंकि तूने इस काम से मोहित क्रौंच के जोड़े में से एक की बिना किसी अपराध के ही हत्या कर डाली।

आदि कवि वाल्मीकि जी ने करुणा से भरकर इस प्रथम श्लोक की रचना की एवं तत्पश्चात *रामायण* की रचना की।

एक दस्यु से महर्षि बने *वाल्मीकि* से आज उनकी जयंती पर हम सभी सदैव उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का सङ्कल्प लें।

देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस पर आज हम सभी *राष्ट्रीय एकता दिवस* पर देश की एकता एवं अखण्डता हेतु संकल्पित हों।

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Thursday, October 29, 2020

शरद पूर्णिमा

*समप्रकास तम पाख दुहु, नाम भेद बिधि कीन्ह।*
*ससि सोषक पोषक समुझि, जग जस अपजस दीन्ह॥*
रामचरित मानस : बालकाण्ड।

एक माह के दो पक्षों (शुक्ल एवं कृष्ण) में प्रकाश एवं अंधकार समान होता है किंतु दोनों की प्रकृति भिन्न है। एक चन्द्रमा को क्रमशः बढ़ाता जाता है और दूसरा घटाता जाता है, इसी कारण एक को यह जग यश देता है जबकि दूसरे को अपयश देता है।

Two fortnights of a month _Shukla_ and _Krishna_ are having same brightness and darkness, but are separated by the nature of both. One increases the moon gradually and other decreases, that is why the world praises one but condemn other.

अमृत वर्षा एवं महारास का यह पर्व *शरद पूर्णिमा, रास पूर्णिमा एवं कोजागरी पूर्णिमा* के नाम से जाना जाता है, हम सभी पर अमृत बरसे एवं हम सभी स्वस्थ बनें।

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Monday, October 26, 2020

परोपकार

*उपकर्तुं यथा स्वल्पं समर्थो न तथा महान्।*
*प्रायः कूपस्तृषां हन्ति सततं न तु वारिधिः।।*

परोपकार करने में एक साधारण व्यक्ति, एक महान व्यक्ति से अधिक समर्थ हो सकता है। उदाहरण स्वरूप एक साधारण कुँआ निरन्तर सामान्य जनों की प्यास बुझाता है न कि विशाल समुद्र।

An ordinary person can be more capable of doing charity than a great person. For example, an ordinary well continuously quenches the thirst of ordinary people and not the vast sea.

*हम उपकार करें जीवन में,*
*पर अभिमान करें न मन में।*

आज पापांकुशा एकादशी पर स्वस्थ रहने का संकल्प लें।

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Saturday, October 24, 2020

जय माता दी

*सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।*
*शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥*

हे त्रिनेत्री, महासुंदरी, शरण में आये को अभय देने वाली, सभी मङ्गलकारकों की मङ्गलमयी माँ, आपकी स्तुति करते हैं। आप सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करें एवं सिद्धियां प्रदान करें।

Prayer to Goddess : 
Thy is the Giver of Refugee, With Three Eyes and a Shining beautiful face. Thy is the Auspiciousness in all the auspicious, Auspiciousness thyself, Complete with All the Auspicious Attributes, fulfill all the objectives of the Devotees.

*नवम नौरात्रि पर माँ सिद्धिदात्री हम सभी की संचित शक्तियों को पूर्णता प्रदान करे एवं वांछित फल दे।*

आज *विजय दशमी* का पर्व भी है, हम सभी अपनी संचित शक्तियों का उपयोग कर स्वयं पर विजय प्राप्त करें, यही शक्ति हमें इस महामारी से विजय दिलाए ऐसी शुभकामना।

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Friday, October 23, 2020

जय माता दी

*वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृत शेखराम्।*
*सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥*

सिंह पर सवार, चार भुजा वाली, शीष पर अर्धचंद्र धारण किये, समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली यशस्विनी माँ महागौरी को नमन।

I bow to Yashaswini Maa Mahagauri, who Riding on a lion, having four arms, holding a crescent on her head, bestow all the wishes.

माँ दुर्गा का अष्टम स्वरूप महागौरी हम सभी को अपने अनुग्रह से पूरित करे।

दुर्गा महाष्टमी की अनन्त शुभकामनाओं के साथ माँ से समस्त विश्व को इस महामारी से मुक्त करने की प्रार्थना।

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Tuesday, October 20, 2020

मित्र

*अपि संपूर्णता युक्तैः कर्तृव्या सुहृदो बुधैः।*
*नदीशः परिपूर्णोऽपि चन्द्रोदयमपेक्षते।।*

जिस प्रकार समुद्र को अथाह जल राशि के होते हुए भी ज्वार उत्पन्न करने के लिए चन्द्रमा की आवश्यकता पड़ती है। 
उसी तरह सर्वगुण संपन्न विद्वान् व्यक्ति को भी किसी विशेष कार्य को संपन्न करने हेतु अपने मित्रों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है।

The Ocean, which is full to the brim with water, needs the Moon to raise its water level in the sky and to create high tide.
Similarly learned persons, well versed in various disciplines of learning, need the assistance of their friends for accomplishing a particular task.

*पंचम नौरात्र पर माँ के स्कंदमाता स्वरूप को नमन*

जब तक दवाई नहीं,
तब तक ढिलाई नहीं,
मित्र रखें, दूरी रखें,
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रखें।

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