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*चिन्ताज्वरो मनुष्याणां क्षुधां निद्रां बलं हरेत्।*
*रूपमुत्साहबुध्दिं श्रीं जीवितं च न संशयः॥*
"चिंता" रूपी ज्वर (बुखार) मनुष्य की भूख, नींद, बल, सौंदर्य, उत्साह, बुद्धि, समृद्धि और जीवन तक को भी हर लेता है । इसमें कोई संदेह नहीं है।
चिंता से बचें।
*💐🕉 आप को तथा आपके परिवार को मेरी और से विजय दशमी की बहुत -2 शुभकामना व बधाई I 🕉💐🙏*
*🌺🌺Good morning 🌺🌺*
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