*अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।*
अतुल बल के स्वामी, सोने के पर्वत के (सुमेरु के) समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्य वन को ध्वंस करने हेतु अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, सम्पूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमानजी को मैं प्रणाम करता हूँ।
Today on the auspicious day of _Hanuman Jaynti_ I pray to Hanuman to curb all miseries in our life.
आज हनुमान प्राकट्य दिवस पर सबके दुःख हरने वाले हनुमान जी से हम सभी पर आये कोरोना नामक संकट से बचाने की प्रार्थना करता हूँ।