दोस्तों आज फिर सुबह उठ के यही लगा की दुबारा से जिंदगी शुरू की जाये पर ऐसा कुछ हुआ नहीं वही सुबह सुबह ऑफिस की रेस में हम फिर से लग गए। आप भी अपने विचारों को हम तक पहुचाये जिस से हमे भी कुछ ज्ञान की प्राप्ति हो।
लल्लन
दोस्तों आज फिर सुबह उठ के यही लगा की दुबारा से जिंदगी शुरू की जाये पर ऐसा कुछ हुआ नहीं वही सुबह सुबह ऑफिस की रेस में हम फिर से लग गए। आप भी अपने विचारों को हम तक पहुचाये जिस से हमे भी कुछ ज्ञान की प्राप्ति हो।
लल्लन
दोस्तों आज फिर सुबह उठ के यही लगा की दुबारा से जिंदगी शुरू की जाये पर ऐसा कुछ हुआ नहीं वही सुबह सुबह ऑफिस की रेस में हम फिर से लग गए। आप भी अपने विचारों को हम तक पहुचाये जिस से हमे भी कुछ ज्ञान की प्राप्ति हो।
लल्लन
मित्रो सर्दी की रात में जल्दी सोने और सुबह देर से उठने का मज़ा ही अलग है।
तो अभी शुभ रात्रि
आपका
लल्लन