इस गर्मी में तो भैया क्या बताये बस एक ही चारा है की दिन भर गंगा जी में डुबकी लगाओ और आम का पन्ना और लस्सी का सेवन करते रहो. और गुरु इन सारी चीजो से हम दूर यहाँ delhi में परेशां बेहाल नौकरी कर रहे है. घर से निकलो तो ऐसा लगता है की सूर्य देवता हमें जला ही डालेंगे पर क्या करे दफ्तर तो जाना ही है. परेशानी का सबब ये है की दफ्तर से बहार निकलने का मन ही नहीं करता और जब घर वापस निकलने के लिए निकलो तो लगता है किसी ने तंदूर में डाल दिया है. हम तो भैया कहते है की अपना कुलर ही सही होता है ये ससुरा AC बहुत ख़राब चीज है भाई.
वैसे गर्मी का भी एक अलग आनंद होता है आम खाने को मिलता है छुट्टिया होती है बच्चो की. घूमो मस्ती करो बस ये हो जाये की मौसम थोडा मेहरबान हो जाये............
आप सभी लोग इन छुट्टियों का आनंद लीजिये.
लल्लन
3 comments:
sahi kha bhaai aapne ...achha lekh hai ye
अब हम बच्चे कहाँ रहे और न पास में बच्चे हैं. छुट्टियों का आनंद अब दूर की कौरी है. बहरहाल आपका ब्लॉगजगत में स्वागत है. यहीं थोडा बहुत रस लिया जाए. इस ब्लॉगजगत में हर मौसम में विभिन्न प्रकार के रस बरसते रहते हैं.
अच्छी और सही सलाह
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