*चिड़ियाँ नाल मैं बाज लड़ावाँ,*
*गिदरां नुं मैं शेर बनावाँ,*
*सवा लाख से एक लड़ावाँ,*
*ताँ गोविंद सिंह नाम धरावाँ।*
Today on this auspicious day, the birth anniversary of *Guru Govind Singh*, we solemnly oath to be on the path of our duty.
आज पौष मास शुक्ल पक्ष सप्तमी को *गुरु गोविंद सिंह* की जयंती प्रकाश पर्व पर आएँ हम सब अपने धर्म पर अडिग रहने का संकल्प लें।
*धर्म प्रथम है जीवन में,*
*धर्म सदा हो हर मन में,*
*सीखें हम भी धर्म निभाना,*
*जब तक प्राण रहें तन में।*