का गुरु लोगो क्या हाल है काफी दिन हो गए आप लोगो से बात किये हुए थोडा तबियत ख़राब था पर कोई नहीं अब हम वापस आ गए है फिर से मचाते है धूम देखते है वर्ल्ड कप और लेते है मज़ा. जय हो
आपका लल्लन
Saturday, February 26, 2011
Friday, November 19, 2010
Tuesday, August 10, 2010
बम बम बोल रहा है काशी ..............
गुरु सावन का महीना मस्ती से भरा होता है बारिश का मज़ा चलता रहता है चारो तरफ मौज ही मौज हरियाली ही हरियाली. बारिश में भीगने का मज़ा ही अलग होता है उस पे बाबा विश्वनाथ यानि शिव जी का महीना चल रहा हो तो मज़ा दुगना हो जाता है, शिव की भक्ति के साथ मस्ती के रस में डूब जाओ. बनारस में इस महीने का मज़ा अलग ही होता है, चारो तरफ मेला लगा होता है दिन भर काम शाम को मेले में मस्ती उस पर से बारिश का आनंद. गुरु क्या बोले जी तो चाहता है फिर से वापस उस बचपन में चले जाये.................................................................
फिर भी हम इस महीने का मज़ा उसी तरह से लेते है जैसे पहले लिया करते थे................
हर हर महादेव
लल्लन
फिर भी हम इस महीने का मज़ा उसी तरह से लेते है जैसे पहले लिया करते थे................
हर हर महादेव
लल्लन
Sunday, June 20, 2010
हिन्दुस्तान जिंदाबाद
वो मारा पापड़ वाले को हिला दिया पूरी दुनिया को कल के मैच में बवाल मचा दिया. इतना आनंद आया की क्या बताये मतलब बया नहीं कर पा रहे है. गंभीर और भज्जी ने तो मुहतोड़ जवाब दिया है. अकमल और सोएब अब ज्यादा नहीं बोलेंगे. सब को करारा जवाब मिला है. सही मिसाल है की गरजने वाले बरसते नहीं. यहाँ पे बरस बरस के पूरा गीला कर दिया. हमारी टीम ने कहा जितना उड़ना है उड़ लो हम ज्यादा देर तक उड़ने नहीं देंगे. मज़ा आ गया.
और गुरु लोगो आप लोगो ने भी मैच का आनद लिया ही होगा आगे क्या बताना पर ये पढने के बाद जोर से हिन्दुस्तान जिंदाबाद जरुर बोलियेगा.
हम आज कल आप लोगो से बाते नहीं कर पा रहे क्युकी अपना काम शुरू किये है तो थोडा busy है. पर आप अपना सहयोग बनाये रखियेगा.
बस इतना कहना चाहते है की
" हम उबलते है तो भूचाल उमड़ जाते है,
हम मचलते है तो तूफ़ान मचल जाते है,
हमको बदलने की कोशिश मत करो भाई,
हम बदलते है तो इतिहास बदल जाते है."
आपका लल्लन.
और गुरु लोगो आप लोगो ने भी मैच का आनद लिया ही होगा आगे क्या बताना पर ये पढने के बाद जोर से हिन्दुस्तान जिंदाबाद जरुर बोलियेगा.
हम आज कल आप लोगो से बाते नहीं कर पा रहे क्युकी अपना काम शुरू किये है तो थोडा busy है. पर आप अपना सहयोग बनाये रखियेगा.
बस इतना कहना चाहते है की
" हम उबलते है तो भूचाल उमड़ जाते है,
हम मचलते है तो तूफ़ान मचल जाते है,
हमको बदलने की कोशिश मत करो भाई,
हम बदलते है तो इतिहास बदल जाते है."
आपका लल्लन.
Friday, May 28, 2010
मौसम हुआ खुशगवार
गुरु लोगो क्या हो रहा है? यहाँ पे थोडा मौसम अच्छा हुआ है गुरु अब जा के थोडा सा मन शांत हुआ है. पर लगता नहीं है की ये मौसम कुछ समय तक ऐसा ही रहेगा. अरे गुरु ये तो सिर्फ झलक है भैया ये गर्मी तो गजब ही कर रही है. यहा पे नौकरी के चक्कर में रहना पड़ रहा है नहीं तो अपना घर इस समय पूरा ठंडा रहता है मस्तियाते रहो. माता जी हमें लस्सी और जाने क्या क्या बना के खिला रही होती. पूरे दिन भर कुलर के सामने बैठे रहो जब मन करे आम खा लो. जब मन करो लस्सी पि लो. अरे गुरु हम तो कह रहे है इस गर्मी में हिल स्टेशन अपना घर ही होता है चाहे जितना प्रकोप हो गर्मी का आदमी मस्त ही रहता है. अब यहाँ पे वो दसहरी और लगन्दा आम कहा मिलता है जिसकी खुशबू से ही पूरा घर मस्त हो जाता है. शाम को गंगा जी के घाट पे मस्ती करते. एक जमाना था जब रोज यही करते थे अब तो सोचना पड़ता है की कैसे करे ये सारी बाते. फिर भी पुरानी यादो को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके मस्त हो जाते है.
अबे भोकाल है हम समझे.
लल्लन
अबे भोकाल है हम समझे.
लल्लन
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