Friday, May 28, 2010

मौसम हुआ खुशगवार

गुरु लोगो क्या हो रहा है? यहाँ पे थोडा मौसम अच्छा हुआ है गुरु अब जा के थोडा सा मन शांत हुआ है. पर लगता नहीं है की ये मौसम कुछ समय तक ऐसा ही रहेगा. अरे गुरु ये तो सिर्फ झलक है भैया ये गर्मी तो गजब ही कर रही है. यहा पे नौकरी के चक्कर में रहना पड़ रहा है नहीं तो अपना घर इस समय पूरा ठंडा रहता है मस्तियाते रहो. माता जी हमें लस्सी और जाने क्या क्या बना के खिला रही होती. पूरे दिन भर कुलर के सामने बैठे रहो जब मन करे आम खा लो. जब मन करो लस्सी पि लो. अरे गुरु हम तो कह रहे है इस गर्मी में हिल स्टेशन अपना घर ही होता है चाहे जितना प्रकोप हो गर्मी का आदमी मस्त ही रहता है. अब यहाँ पे वो दसहरी और लगन्दा आम कहा मिलता है जिसकी खुशबू से ही पूरा घर मस्त हो जाता है. शाम को गंगा जी के घाट पे मस्ती करते. एक जमाना था जब रोज यही करते थे अब तो सोचना पड़ता है की कैसे करे ये सारी बाते. फिर भी पुरानी यादो को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके मस्त हो जाते है.
अबे भोकाल है हम समझे.

लल्लन

Tuesday, May 18, 2010

धन्यवाद

गुरु आप सभी का धन्यवाद. हमें ये जानकर अति प्रसनता हुई की हमारे कथनों को भी कोई पढ़ रहा है. जी हम तो बहुत खुश हो गए है की क्या बताये हम बया नहीं कर पा रहे है. आप सभी का स्नेह इसी तरह बना रहे तो मज़ा आ जाये. हम आप सभी के ब्लॉग तक कैसे पहुच पाएंगे इसका कोई तरीका बताये तो हम भी नयी नयी जानकारी पा सकेंगे.
गुरु लोगो बड़ा ही कस्ट है इस गर्मी में और सोने पे सुहागा ये हुआ है की हमारा कुलर भी ख़राब हो गया है. भाई गर्मी में तो हालत ऐसे हो गयी है की जैसे चूसा हुआ आम. गुरु लोगो कुछ अपना कम भी शुरू किया हुआ है बस ऊपर वाले के आशीर्वाद से ठीक ठाक चलना शुरू हो गया है. बस इसे में थोडा परेशा है बस.

फिर भी आपका ये दोस्त हमेशा आपके साथ है.

लल्लन

Sunday, May 16, 2010

गर्मी से बेहाल

इस गर्मी में तो भैया क्या बताये बस एक ही चारा है की दिन भर गंगा जी में डुबकी लगाओ और आम का पन्ना और लस्सी का सेवन करते रहो. और गुरु इन सारी चीजो से हम दूर यहाँ delhi में परेशां बेहाल नौकरी कर रहे है. घर से निकलो तो ऐसा लगता है की सूर्य देवता हमें जला ही डालेंगे पर क्या करे दफ्तर तो जाना ही है. परेशानी का सबब ये है की दफ्तर से बहार निकलने का मन ही नहीं करता और जब घर वापस निकलने के लिए निकलो तो लगता है किसी ने तंदूर में डाल दिया है. हम तो भैया कहते है की अपना कुलर ही सही होता है ये ससुरा AC बहुत ख़राब चीज है भाई.
वैसे गर्मी का भी एक अलग आनंद होता है आम खाने को मिलता है छुट्टिया होती है बच्चो की. घूमो मस्ती करो बस ये हो जाये की मौसम थोडा मेहरबान हो जाये............
आप सभी लोग इन छुट्टियों का आनंद लीजिये.

लल्लन

Friday, April 30, 2010

डांस का खुमार

गुरु आज कल जिस भी चैनल पे देखो वहा सिर्फ डांस ही डांस ही नज़र आ रहा है. पहले बड़ो का अब छोटे छोटे बच्चो का. गुरु हम कल जब टीवी पे बच्चो को डांस देख रहे थे तो कसम बता रहे है की ऐसा डांस तो बड़े ही नहीं कर पा रहे है. सब के सब हृतिक लग रहे है गुरु. अरे देख के मस्त हो गए है भाई २०-२० देखना भूल जा रहे है. पूरा घर यही देख रहा है. अब इतनी गर्मी में तरबूज, खरबूज और टीवी पे डांस की मस्ती ही गर्मी से निजात दिला रही है. गुरु बस यही मन कर रहा है की गंगा जी में पूरा दिन दुबकी लगाये और मस्त रहे..

लल्लन

Monday, April 26, 2010

सानिया का दावते वलीमा

सोएब मालिक और सानिया मिर्ज़ा का रविवार को सियालकोट में हुआ दावते वलीमा और नज़ारा कुछ ऐसा था की भागना पड़ा दोनों को दावत छोड़ कर. भाई बताइए तो वहा की पुलिस भी नहीं ये सुरक्षा नहीं दे पा रही है. मज़े की बात तो ये है की लोगो ने अपने कार्ड भी बेच दिए है यार इतना गिरना अच्छा नहीं है. अब बताइए की सानिया यहाँ के लडको का दिल तोड़ कर वहा चली गयी. हम ये नहीं कहते है कि किसी और देश में शादी नहीं करना चाहिए पर गुरु ये तो क्म से क्म देखना चाहिए कि देश भी तो ऐसा हो जहा रहा जा सके. मेहमान ऐसे जो बिना बुलाये पहुच गए. बताइए कोई तमीज़ है भी कि नहीं. सुना है कार्ड को लोगो ने १५००० से २०००० में बेच दिया अब इतना भी नरक नहीं मचाना चाहिए गुरु. बताइए कि जब से सानिया ने शोएब से शादी करने का फैसला किया तुब से कुछ न कुछ पंगा हो रहा है उनके साथ. वैसे ये बात गलत नहीं है कि सानिया अपने खेल से ज्यादा फालतू की बातो के लिए प्रसिद्ध है . अब देखते है हमें और कितने किस्से चटकारे ले कर सुन ने के लिए मिलेंगे.

लल्लन