Thursday, March 11, 2010

समय की कमी

गुरु क्या बताये यार समय की बहुत ज्यादा कमी हो गयी है. हम तो चाहते है की आप सभी से ज्यादा से ज्यादा बात हो सके पैर क्या बताये गुरु यहाँ तो बस पूछो नहीं क्या क्या करना पड़ता है. गुरु सोच रहे की जॉब change कर दी जाये पर जॉब है की कोई मिल ही नहीं पा रही है. बस पूछो नहीं क्या हाल है यहाँ हमारा. हम बस अपने ही बारे में बोलते रहते है गुरु आप लोग बताओ की आप लोगो की क्या क्या प्रॉब्लम है. सच मानो जब तक हम है प्रोब्लेम पास नहीं आएगी. गुरु हमारे परम मित्र का नाम है गुड्डू आज कल तो बस उसी का सहारा है बस हम और वो हमारी स्कूटर यही तो अकेलेपन का सहारा है.
गुरु आप लोग बस बातो का सिलसिला जरी रखो हम आप को मस्त रहने में हेल्प करते रहेंगे.

लल्लन

Tuesday, March 9, 2010

घर के खाने का स्वाद

जब भी मै सुबह सो उठता हु तो हमेशा घर की याद आती है पूछिए क्यों, अरे भाई सुबह सुबह जब खुद से चाय बनानी पड़ती है तो घर की याद आती है. माँ के हाथ का खाना दुनिया में सबसे अच्छा खाना होता है माँ कुछ भी बना दे सुब मस्त ही लगता है. आप बताइए आप को क्या क्या याद आता है अपने घर का अगर आप घर के बहार रहते है और घर में रहते है तो क्या क्या करने का मन होता है. अजी कुछ तो बताइए तभी तो हमारी आपकी बात बढेगी.
तो आप कुछ हमें आसन सी दिश बताइए जो हमें घर की याद दिला दे.

लल्लन.

Monday, March 8, 2010

होली का खुमार ..

होली की पिचकारी का रंग लेने के बाद कल जब पहली बार हम ऑफिस गए तो ऐसा लगा की गुरु किसी ने जिंदगी ही बदल दी हो. बड़ा मज़ा आ रहा था होली में गुजिया खाने में सभी दोस्तों के घर जाने में क्या बताये ये नौकरी भी न कभी कभी दुश्मन लगती है. अब हम ऐसी जगह से है जहा की होली में भंग का रंग है सभी लोग होली के रंग में सराबोर हो जाते है. मित्रो की टोली निकल जाती है कवी सम्मलेन होने लगते है. जिंदगी का मज़ा आने लगता है.
ऐसी ही होली हम खेल कर आये है.

मेरे विचार

जी हमने सोचा की हम कितनी इंग्लिश जानते है तो पाया की सिर्फ interview और अपने मेनेजर से बात करने जितनी ही जानते है. सो ये सोच के हमने हिंदी में आप सब से बात करना सही समझा. आपने आज का newsपेपर देखा की नहीं हमने तो नहीं देखा चलिए आप ही कुछ बात दीजिये हमें क्या क्या हुआ अपने देश में.